कर्नाटका के रेड्डी बन्धुओं की 500 करोड़ की लगत की भारी-भरकम खर्च के विवाह से लेकर सूरत के अनसूचित जाति के मारू दम्पति द्वारा महज 500 रुपए के खर्च में सम्पन्न की गई शादी के आयोजनों तथा अहमदाबाद में राष्ट्र गान के साथ प्रारम्भ हुए शादी के समारोहों की खबरे विभिन्न न्यूज चैनलों पर खूब प्रसारित हुई है,
लेकिन महाराष्ट्रा के ओरंगाबाद के लासुर कस्बे में एक धन कुबेर व साधन सम्पन्न परिवार द्वारा पूर्ण सादगी के साथ संपन्न की गई एक ऐसी अनोखी शादी की सर्वत्र सराहना हो रही हैं, यह वो चर्चित शादी हैं जहां होने वाले भारी-भरकम खर्च को बचा कर उसकी एवज में लगभग दो एकड़ भूखण्ड पर 90 मकानों की एक कालोनी का निर्माण कर उन मकानों की चाबियाँ गरीबों व जरूरत मंदों को सौंप दी, यह प्रेरक एंव अनुकरणीय पहल महाराष्ट्रा के ओरंगाबाद जिले के लासुर कस्बे में वहां के कपड़ा व अनाज व्यवसाही श्री अजय मुणोत (जैन) ने अपनी सपुत्री श्रेया मुणोत की शादी समारोह में की,
लेकिन महाराष्ट्रा के ओरंगाबाद के लासुर कस्बे में एक धन कुबेर व साधन सम्पन्न परिवार द्वारा पूर्ण सादगी के साथ संपन्न की गई एक ऐसी अनोखी शादी की सर्वत्र सराहना हो रही हैं, यह वो चर्चित शादी हैं जहां होने वाले भारी-भरकम खर्च को बचा कर उसकी एवज में लगभग दो एकड़ भूखण्ड पर 90 मकानों की एक कालोनी का निर्माण कर उन मकानों की चाबियाँ गरीबों व जरूरत मंदों को सौंप दी, यह प्रेरक एंव अनुकरणीय पहल महाराष्ट्रा के ओरंगाबाद जिले के लासुर कस्बे में वहां के कपड़ा व अनाज व्यवसाही श्री अजय मुणोत (जैन) ने अपनी सपुत्री श्रेया मुणोत की शादी समारोह में की,
बताया जाता हैं कि श्रेया की शादी में उनके आदर्श व दरियादिल पिता का माला के 108 मनकों जितने 108 मकान गरीबों को तोहफे में देने का इरादा था, लेकिन शादी के मुहूर्त की अवधि में कुल 90 मकान ही तैयार हो पाए, विशेष व उल्लेखनीय बिन्दु यह भी हैं कि वन रूम किचन के ये 90 मकान महज 2 महिने में ही तैयार किए गए हैं,
मुणोत परिवार द्वारा उपरोक्त 90 मकान गरीबों को सौंपने हेतु तीन तरह की कसौटियां तय की गई थी, इसके चयन हेतु मुणोत परिवार के सदस्यों ने झुग्गी झोपडी में रहने वाले गरीबों की बस्ती में जाकर इस कसोटी पर खरे उतरने वाले गरीबों का चयन किया था, जिसमें निम्न अर्हताएं तय की गई थी, (1) मकान प्राप्त करने का इच्छुक व्यक्ति गरीब होना चाहिए (2) वह व्यक्ति झोंपड़े में रहने वाला हो (3) तथा वो किसी तरह का नशा न करता हो, अपने परिवार द्वारा लिए गए इस निर्णय पर दुल्हन श्रेया का कहना हैं कि उनके परिवार का मानना हैं कि गरीबों की मदद करनी चाहिए, बस इसी विचार से गरीबों को घर बना कर सौंपे हैं, बताया जाता हैं कि 12×20 के इन पक्के मकानों में दो दरवाजा, दो खिड़कियां हैं, व लाइट फिटिंग तथा रंग-रोगान भी कराया गया हैं, यहां तक प्रत्येक मकान में फिल्टर पानी भी उपलब्ध रहेगा जिसकी व्यवस्था अजय मुणोत ने की हैं,
प्रति मकान सवा लाख रुपया की लागत आई हैं, तथा कुल खर्च लगभग डेढ़ करोड़ के करीब बताया जा रहा है, मुणोत परिवार के इस निर्णय को श्रेया के पति बादल जैन भी उचित बता रहे हैं, यह उल्लेखनीय हैं कि मुणोत परिवार के लासुर में नाना प्रकार के व्यवसाय हैं, जिसमें कपड़ा व अनाज का व्यापार प्रमुख हैं, व उनके पास 60 एकड़ विशाल जमीन भी हैं,
यह उल्लेखनीय हैं कि शादी के खर्चे में कटौती कर उस पैसा का सदुपयोग करने की इच्छा जब अजय मुणोत ने अपने पारिवारिक सम्बन्धी एंव गंगापुर के विधायक श्री प्रकाश बम्ब को बताई तो उन्होंने उपरोक्त रकम का उपयोग गरीबों को मकान बना कर नियोजित करने की सलाह दी जो कि श्री अजय मुणोत को पसन्द आ गई, तथा इस सुझाव के अनुसार ये 90 मकान तैयार करा कर गरीबों को सौंप भी दिए,
काश श्री अजय मुणोत की तरह हर अमीर पिता अपने पुत्र-पुत्रियों की शादी में कुछ खर्च बचा कर उपरोक्त राशी गरीबों व जरूरतमंदों के उपयोगार्थ खर्च करें तो भगवान महावीर के 'दया' 'करुणा' 'अहिंसा' व 'जीओ और जीने दो' के आदर्श सिद्धांतों की पालना हो सकती हैं, व हर गरीब का सपना साकार हो सकता हैं।
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लिपिबद्ध-गणपत भंसाली, सूरत
Jasolwala@gmail.com
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साभार-दैनिक भास्कर
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