Wednesday, July 27, 2016

गुजरात का ये गुरुकुल टक्कर देता है अमेरिका की हॉवर्ड से लेकर भारत की आईआईटी तक को


अमेरिका की हॉवर्ड विश्वविद्यालय से लेकर भारत की आईआईटी में क्या कोई ऐसी शिक्षा दी जाती है कि छात्र की आंख पर पट्टी बांध दी जाये और उसे प्रकाश की किरणें भी दिखाई ना दे, फिर भी वो सामने रखी हर वस्तु को पढ़ सकता हो? है ना चौकाने वाली बात? मगर यह चमत्कार भारत में किसी और जगह नहीं बल्कि प्रधानमंत्री के गृहराज्य गुजरात के महानगर में आज साक्षात् हो रहा है।


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पिछले दिनों सभी टी वी चैनलों ने एक प्रतिभाशाली बच्चा दिखाया था, जिसे गूगल चाइल्डकहा गया। यह बच्चा सेकेंड में उत्तर देता था जबकि उसकी आयु 10 वर्ष से भी कम थी। दुनिया हैरान थी ऐसे ज्ञान को देखकर। पर किसी टी वी चैनल ने ये नहीं बताया कि ऐसी योग्यता उसमे इसी गुरुकुल से आई है। दूसरा उदाहरण उस बच्चे का है जिसे दुनिया के इतिहास की कोई भी तारीख पूछो, तो वह सवाल खत्म होने से पहले उस तारीख को क्या दिन था, ये भी बता देता है। इतनी जल्दी तो कोई आधुनिक कंप्यूटर भी जवाब नहीं दे पाता। तीसरा बच्चा गणित के 50 मुश्किल सवाल मात्र अढाई मिनट में हल कर देता है। यह विश्व रिकॉर्ड है। यह सब बच्चे संस्कृत में वार्ता करते है, शास्त्रों का अध्यन करते है, देशी गाय का दूध-घी खाते है। बाजारू सामान से बचकर रहते है।

यथासंभव प्राकृतिक जीवन जीते है और घुड़सवारी, ज्योतिष, शास्त्रीय संगीत, चित्रकला आदि विषयों का इन्हें अध्यन कराया जाता है। इस गुरुकुल में मात्र 100 बच्चे है पर उनको पढ़ाने के लिये 300 शिक्षक है। ये सब वैदिक पद्धति से पढ़ाते है। बच्चो की अभिरूचि अनुसार उनका पाठयक्रम तैयार किया जाता है। परीक्षा की कई निर्धारित पद्दति नहीं है। इस गुरुकुल के संस्थापक उत्तम भाई ने फैसला किया कि उन्हें योग्य संस्कारवान मेधावी वह देशभक्त युवा तैयार करने हैं जो जिस भी क्षेत्र में जाएं अपनी योगिता का लोहा मनवा दे और आज यह हो रहा है। लोग इन बच्चों की बहुआयामी प्रतिभाओं को देखकर दांतो तले उंगली दबा लेते हैं। खुद डिग्री वहीन उत्तम भाई का कहना है – ” उन्होंने सारा ज्ञान स्वाध्याय और अनुभव से अर्जित किया है।

उनका कहना है – ” भारत की मौजूदा शिक्षा प्रणाली जो कि मेकाले की देन है, जो भारत को गुलाम बनाने के लिए लागू की गई थी इसलिए भारत गुलाम बना और आज तक बना हुआ है। ये गुलामी की जंजीरें तब टूटेगी जब भारत का हर युवा प्राचीन गुरूकुल परंपरा से पढ़कर अपनी संस्कृति और अपनी परंपराओं पर गर्व करेगा तब भारत फिर से विश्व गुरु बनेगा आज की तरह कंगाल नहीं। उत्तम भाई चुनौती देते हुए कहते हैं – ” भारत के सबसे साधारण बच्चों को छांट लिया जाए और 10-10 की टोली बनाकर दुनिया के 10 सर्वश्रेष्ठ विद्यालय में भेज दिया जाए 10 छात्र उन्हें भी दे दिए जाएं। साल के आखिर में मुकाबला हो। अगर गुरुकुल के बच्चे दुनिया के सर्वश्रेष्ठ विद्यालयों के विद्यार्थियों के मुकाबले कहीं गुना ज्यादा मेधावी ना हो तो उनकी गर्दन काट दी जाए| भारत सरकार को चाहिए कि वह गुलाम बनाने वाले देश के इस शब्द स्कूलों को बंद कर दे और वैदिक पद्धति से चलने वाले गुरुकुलो की स्थापना करें।



http://hindi.revoltpress.com/news/story/from-harvard-university-usa-to-iit-india-is-nothing-in-front-of-this-education-system/

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